भाई तुषार कपूर की तरह एकता कपूर भी सरोगेसी की मदद से मां बन गई हैं। एकता के बेटे का जन्म 27 जनवरी को हुआ था और वह पूरी तरह से स्वस्थ है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एकता कपूर जल्द ही अपने बेटे को घर भी लेकर आ जाएंगी। एकता कपूर को हमेशा से ही बच्चों से बेहद लगाव रहा है। एकता को अक्सर भाई तुषार कपूर के बेटे लक्ष्य के साथ स्पॉट किया जाता है। बताया जाता है कि एकता कपूर लक्ष्य के बेहद करीब हैं।
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Thanku doctor Nandita it’s been a 7 year journey! pic.twitter.com/gCqoeiVMC9
— Ekta Kapoor (@ektaravikapoor) January 31, 2019
एकता कपूर से पहले भी बॉलीवुड के कई सितारे सरोगेसी की मदद से माता-पिता बन चुके हैं। एकता कपूर के भाई तुषार के अलावा फिल्ममेकर करण जौहर भी सरोगेसी के जरिए ही पिता बने थे। करण जौहर के दो जुड़वां बच्चे हैं- यश और रुही। शादी के बारे में बात करते हुए मीडिया से कुछ वक्त पहले एकता कपूर ने कहा था कि वह शादी नहीं करना चाहती हैं लेकिन लक्ष्य के जन्म के बाद मां बनना चाहती हैं। उन्होंने कहा था कि वह मातृत्व सुख पाने के पूरी तरह से तैयार हैं।करियर की ऊंचाइयों पर एकता ने अपनी ज़िन्दगी का यह बड़ा फैसला लिया है और यकीनन यह उनके लिए बेहद ख़ुशी की बात है। टीवी इंडस्ट्री, वेब इंडस्ट्री, बॉलीवुड फ़िल्मों को एकता ने अकेले ही संभाला है और बहुत अच्छी तरह मेन्टेन किया है और हमें यकीन हैं कि सिंगल पेरेंटिंग में भी वो बेस्ट होंगी। आप जानते ही होंगे कि एकता के भाई तुषार कपूर भी सरोगेसी के ज़रिये ही साल 2016 में बेटे लक्ष्य के पिता बने थे।इसके अलावा बॉलीवुड में कई ऐसे सलेब्स हैं जिनके घर सरोगेसी की वजह से गुड न्यूज़ आई है। बहुत कम लोग जानते हैं कि इस लिस्ट में सलमान ख़ान का घर भी शामिल है। सलमान के भाई सोहेल ख़ान और उनकी पत्नी सीमा ने साल 2011 में अपने दूसरे बेटे योहान को सरोगेसी की मदद से ही पाया। वैसे, सलमान भी कई बार पिता बनने की इच्छा ज़ाहिर कर चुकें हैं।
आमिर ख़ान की दूसरी पत्नी किरण राव के बेटे आज़ाद ख़ान ने भी साल 2011 में सरोगेसी की मदद से जन्म लिया था। हालांकि, पहली पत्नी रीना दत्ता से आमिर के तो बच्चे हैं जुनैद और ईरा।
बॉलीवुड के किंग शाह रुख़ ख़ान भी साल 2013 में सरोगेसी की मदद से क्यूट अबराम के पिता बने। इससे पहले पत्नी गौरी से उन्हें दो बच्चे हैं आर्यन ख़ान और सुहाना ख़ान। अबराम अक्सर शाह रुख़ के साथ फ़िल्म के सेट्स पर स्पॉट किये जाते हैं।
सनी लियोनि और उनके पति डैनिल वेबर ने भी हाल ही में दो ट्विन्स बच्चों को सरोगेसी की मदद से ही पाया है। इससे पहले उन्होंने साल 2017 में बेटी निशा कौर वेबर को गोद लिया था। अपने ट्विन बेबी बॉयज का नाम सनी ने रखा अशेर सिंह वेबर और नोहा सिंह वेबर।
बॉलीवुड की मशहूर डायरेक्टर और कोरियोग्राफर फराह ख़ान ने भी IVF की मदद से तीन बेबीज़ को जन्म दिया था। बेटे कजार और बेटियां दीवा और आन्या आज उनकी आंखों के तारें हैं।
सरोगेसी और सिंगल पेरेंटिंग की लिस्ट में एकता, तुषार के अलावा करण जोहर भी शामिल हैं जिन्होंने साल 2017 की शुरुआत में अपने बच्चों यश और रूही के जन्म की खबर से सभीं को चौंका दिया था। करण ने खुद कहा था कि यश और रूही के आने के बाद उनकी ज़िन्दगी बहुत बदल गई है और अब उन्हें ज़िन्दगी से पहले से भी ज्यादा प्यार हो गया है।
कई बार शारीरिक असमर्थताओं को चलते कुछ महिलाए इस सुख से वचिंत रह जाती है। इस मातृत्व सुख को पाने के लिए अक्सर दंपति सरोगेसी का सहारा लेते है। सोरगेसी की मदद ज्यादातर बच्चा कंसीव ना कर पाने, बार बार गर्भपात होने या फिर आईवीएफ तकनीक के फेल होने पर ली जाती है। अब इतना तो सब ने आपको हमारे अलावा भी बताया होगा लेकिन सरोगेसी क्या है आसान भाषा में हम आपको समझाते हैं….
सरोगेसी, लैटिन भाषा में सबरोगेट शब्द से निकल कर आया है, जिसका मतलब किसी और को अपने काम के लिए नियुक्त करना होता है। इसमें पुरुष के शुक्राणु और महिला के अंडाणु को लेकर इनक्यूबेटर में गर्भ जैसा माहौल दिया जाता है। भ्रूण तैयार होने पर उसे किसी तीसरी महिला में इंजेक्ट कर दिया जाता है। गर्भधारण करने वाली यह महिला सरोगेट मदर होती है। ट्रेडिशनल और जेस्टेशनल दो तरह की सरोगेसी होती है।
ट्रेडिशनल यानि पारंपरिक सरोगेसी में पिता के शुक्राणुओं को एक स्वस्थ महिला के अंडाणु के साथ प्राकृतिक रूप से निषेचित किया जाता है। शुक्राणुओं को सरोगेट मदर के नेचुरल ओव्युलेशन के समय डाला जाता है। इसमें जेनेटिक संबंध सिर्फ पिता से होता है।
जेस्टेशनल सरोगेसी में माता-पिता के अंडाणु व शुक्राणुओं का मेल परखनली विधि से करवा कर भ्रूण को सरोगेट मदर की बच्चेदानी में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। इसमें बच्चे का जेनेटिक संबंध मां और पिता दोनों से होता है। इस पद्धति में सरोगेट मदर को दवाईयां खिलाकर अंडाणु विहीन चक्र में रखना पड़ता है जिससे बच्चा होने तक उसके अपने अंडाणु न बन सके।
सरोगेसी एक बहुत मंहगी प्रकिया होती है जिसके लिए करीब 8-12 लाख रूपये तक लग सकते है। सरोगेसी की प्रकिया को चुनने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी लेना जरूरी होता है।
सरोगेसी (रेग्यूलेशन) बिल 2016 के विधेयक को स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने सोमवार 21 नंवबर को नोटबंदी के हंगामे के बीच इस बिल को लोकसभा में पेश कर दिया। हालांकि हंगामे के कारण इस बिल पर चर्चा नहीं हो पाई और सदन की कार्यवाही को मंगलवार तक स्थगित कर दिया गया।
इस बिल के तहत देश में व्यवसायिक सरोगेसी पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। हालांकि जरूरतमंद निसंतान दंपत्तियों को कड़े नियमों के तहत सरोगेसी की मदद से बच्चे को जन्म देने की अनुमति मिलेगी।
सरोगेसी (रेग्यूलेशन) बिल 2016 के तहत केवल भारतीय नागरिक ही सरोगेसी का लाभ उठा सकते है।

सरोगेसी को अपनाने के लिए दंपति का कानूनी रूप से विवाहित होना आवश्यक है।
शादी के पांच साल बाद तक बच्चे ना हो पाने के बाद ही आप इस प्रक्रिया को अपना सकते है।
केवल संतानहीन दंपति ही इसकी मदद से बच्चे पैदा कर सकते है।
इस प्रक्रिया को अपनाने के लिए पुरूष की आयु 26 से 55 और महिला की आयु 23 से 50 साल के बीच होनी आवश्यक है।
इस प्रक्रिया को अपनाने से पहले दंपति को संतान की उत्पत्ति के लिए खुद को अनफिट होने का सर्टिफिकेट देना होगा।
सरोगेट महिला का भी शादीशुदा होना आवश्यक है, साथ ही महिला का दंपति से पारिवारिक संबंध होना चाहिए।
इस कानून का उल्घंन करने वालों को 10 साल की सजा का प्रावधान है।